×
भारत /

एमपी, यूपी और छत्तीसगढ़ में 10 फीसद से ज्यादा लड़कियां नहीं जा रही स्कूल, असर की रिपोर्ट में खुलासा

Published On :    19 Jan 2023   By : MN Staff
शेयर करें:


समग्र गिरावट के बावजूद मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 10 फीसद से अधिक लड़कियां स्कूल नहीं जा रही हैं.



नई दिल्ली : समग्र गिरावट के बावजूद मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 10 फीसद से अधिक लड़कियां स्कूल नहीं जा रही हैं. शिक्षा की वार्षिक स्थिति पर बुधवार को जारी की गई रिपोर्ट एनुअल स्टेटस आूफ एजुकेशन रिपोर्ट (एएसईआर) में यह खुलासा हुआ है. चार साल बाद ‘प्रथम’ फाउंडेशन द्वारा यह सर्वेक्षण किया गया है. इससे पहले साल 2018 में किया गया था. 616 जिलों के सरकारी स्कूलों में किए गए इस सर्वेक्षण से पता चला है कि अटेंडेंस के मामले में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार सबसे पीछे हैं. हालांकि, देशभर में स्कूलों में एडमिशन लेने वाले छात्रों में बढ़ोतरी हुई है और सिर्फ 2 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने एनरोल नहीं किया है.


रिपोर्ट में कहा गया कि स्कूल नहीं जाने वाली लड़कियों का कुल अनुपात 2018 में 4.1 फीसद और 2006 में 10.3 फीसद था. यह और भी गंभीर है क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर अब 15 से 16 आयु वर्ग की बड़ी लड़कियों की संख्या कम है जो स्कूल से बाहर हैं. हालांकि, चिंता का कारण तीन राज्य हैं, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़, जो अभी भी अधिक हैं. यहां इस आयु वर्ग की 10 फीसदी से अधिक लड़कियां स्कूलों से बाहर हैं.


नवीनतम अध्ययन में ग्रामीण भारत में कुल 19,060 गांवों का सर्वेक्षण किया गया है जिसमें 3,74,544 परिवार और तीन से 16 वर्ष की आयु के 6,99,597 बच्चे शामिल हैं. रिपोर्ट के अनुसार महामारी के दौरान लंबे समय तक बंद रहने के बावजूद स्कूलों में दाखिले के आंकड़े 98 फीसद से अधिक के सर्वाधिक उच्च स्तर पर पहुंच गए. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अवधि के दौरान बड़ा बदलाव सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने वाले बच्चों की बढ़ती संख्या है. इसमें कहा गया है कि छह से 14 आयु वर्ग के लिए दाखिला दर पिछले 15 सालों से 95 फीसद से ऊपर रही है.


महामारी के दौरान स्कूल बंद होने के बावजूद, ये आंकड़े 2018 में 97.2 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 98.4 फीसद हो गए हैं. रिपोर्ट के अनुसार सभी कक्षाओं के स्कूली छात्रों की पढ़ाई संबंधी क्षमता 2012 से पहले के स्तर तक गिर गई है, जबकि बुनियादी गणित कौशल 2018 के स्तर तक गिर गया है. इससे पता चलता है कि ज्यादातर राज्यों में सरकारी और निजी स्कूलों में लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए गिरावट देखी जा सकती है. रिपोर्ट के अनुसार पढ़ाई करने संबंधी क्षमता में सबसे ज्यादा गिरावट केरल, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में देखी गई है. वहीं गणित कौशल में गिरावट तमिलनाडु, मिजोरम और हरियाणा में देखी गई है.


कोरोना महामारी से पहले की तुलना में देश भर में स्कूल के बाद ट्यूशन जाने वाले विद्यार्थियों की संख्या में चार फीसद से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. एएसईआर रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड समेत कुछ राज्यों में ट्यूशन जाने वाले विद्यार्थियों की संख्या आठ फीसद बढ़ी है. रिपोर्ट यह भी बताती है कि ग्रामीण भारत में पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों का बीते दशक में ट्यूशन लेने के अनुपात में लगातार बढ़ोतरी हुई है.


रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018-2022 के बीच यह अनुपात सरकारी व निजी दोनों प्रकार के स्कूलों के विद्यार्थियों में बढ़ा है. राष्ट्रीय तौर पर पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों का ट्यूशन लेने का अनुपात 2018 में 26.4 फीसद था जो 2022 में बढ़कर 30.5 फीसद हो गया है. रिपोर्ट के मुताबिक कि उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में सशुल्क ट्यूशन लेने वाले विद्यार्थियों का अनुपात 2018 के स्तर से आठ फीसद से अधिक बढ़ा है. एएसईआर राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण है जो ग्रामीण भारत में बच्चों के स्कूल जाने व शिक्षा से संबंधित तस्वीर मुहैया कराता है.



PAY BACK TO THE SOCIETY NATIONWIDE AGITATION FUNDDonate Here



संपर्क करें

आपके पास अगर कोई महत्वपुर्ण जानकारी, लेख, ओडीयो, विडीयो या कोई सुझाव हैै तो हमें नीचे दिये ई-मेल पर मेल करें.:

email : news@mulniwasinayak.com


MN News On Facebook

लोक​प्रिय
मोहन भागवत खुलकर कर रहे है बामसेफ वामन मेश्राम का विरोध! स
सत्यपाल मलिक के ख़ुलासे के बाद पुलवामा हमले में शहीद हुए
तमीलनाडू के मुख्यमंत्री एम.के.स्टैलिन वामन मेश्राम की EVM
शिवसेना को महाविकास आघाडी से बाहर करने के लिए आरएसएस-भाज
ब्रिटेन सरकार की गोपनीय जांच में गुजरात दंगों के लिए मोद
देश के एक चौथाई स्कूलों में नहीं है पीने के पानी सुविधा, अ
नेताजी की बेटी अनीता बोस फाफ बोली- आरएसएस की विचारधारा के
भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की बढ़ेगी मुश्किले, आश्वासन
पुरानी पेंशन बहाल करें अन्यथा कर्मचारियों की नाराजगी झे
8 साल पहले रेप के केसे में बीजेपी विधायक रामदुलार गौड़ के ख
धीरेंद्र शास्त्री पर प्रवचनों के जरिये अंधविश्वास को बढ़
बीपी मंडल इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में सरस्वती पूजा करने
ब्राझील में ईवीएम को लेकर सड़कों पर लाखों लोग, क्या भारत मे
तेलंगाना के खम्मम में दिखी विपक्ष दलों की गोलबंदी, मुख्य
एमपी, यूपी और छत्तीसगढ़ में 10 फीसद से ज्यादा लड़कियां नहीं ज
कर्नाटक में बीजेपी ने चला चुनावी दांव, बीपीएल परिवारों क
हाई स्कूल पास के लिये नौकरी, कतार में पीजी, बीए और बीएड से ल
बलात्कारी कुलदीप सिंह सेंगर को मिली पैरोल, पीडिता ने बता
जासूसी के आरोप में वित्त मंत्रालय का कर्मचारी गिरफ्तार,
भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह महिला पहलवानों का कर रहे यौ
COPYRIGHT

All content © Mulniwasi, unless otherwise noted or attributed.


ABOUT US

It is clear from that the lack of representation given to our collective voices over so many issues and not least the failure to uphold the Constitution - that we're facing a crisis not only of leadership, but within the entire system. We have started our “Mulnivasi Nayak“ on web page to expose the exploitation and injustice wherever occurring by the brahminical forces & awaken the downtrodden voiceless & helpless community.

Our Mission

Media is playing important role in democracy. To form an opinion is the primary work in any democracy. Brahmins and Banias have controlled the fourth pillar of the democracy, by which democracy is in danger. We have the mission to save the democracy & to make it well advanced in common masses.

© 2018 Real Voice Media. All Rights Resereved
 e - Newspaper