ष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के माध्यम से इन मांगों को लेकर पांच चरणों में आंदोलन की घोषणा की गई थी, जिसके चार चरण संपन्न हो चुके हैं.
लखनऊ : इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम के साथ लगाये गये पेपर ट्रेल की गिनती करने या फिर ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर पर चुनाव संपन्न करने, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू करने, एनआरसी, सीएए, एनपीआर को निरस्त करने, एनआरसी लागू ही करना है तो वह डीएनए के आधार पर लागू करने और केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामा में ओबीसी की जातिनिहाय जनगणना करने इनकार करने के खिलाफ राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा ने अगले साल की शुरूआत में 31 जनवरी को भारत बंद को ऐलान किया है. चौधरी विकास पटेल ने इसकी घोषणा की है.
सूत्रो की जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के माध्यम से इन मांगों को लेकर पांच चरणों में आंदोलन की घोषणा की गई थी, जिसके चार चरण संपन्न हो चुके हैं. हालांकि, पांचवां चरण में 10 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया गया था, लेकिन अब इसे आगे बढ़ाया गया है. अब यह भारत बंद 31 जनवरी, 2022 को होगा. सूत्रों को कहना है कि बामसेफ और भारत मुक्ति मोर्चा का राष्ट्रीय अधिवेशन 25 से 29 दिसंबर, 2021 के दौरान होने जा रहा है, इसलिए 10 दिसंबर को आयोजित भारत बंद को स्थगित कर दिया गया है, यह जानकारी राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी विकास पटेल ने दी है.
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, उपर दी हुई मांगे और अन्य मांग के लिए चलाए गये आंदोलन के पहले चरण में 15 अक्टूबर 2021 को भारत के 550 जिलों से राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा गया. दूसरे चरण में 29 अक्टूबर 2021 को देशभर के 550 जिला मुख्यालयों के सामने प्रदर्शन किया गया. तीसरे चरण में 12 नवंबर 2021 को तहसील कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया गया, जबकि चौथे चरण में 25 नवंबर 2021 को भारत के 5,000 तहसील कार्यालयों में एक रैली और जेल भरो आंदोलन किया गया.
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी विकास पटेल ने बताया कि पांचवें चरण में 10 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया गया था. उन्होंने कहा कि इससे पहले बामसेफ, भारत मुक्ति मोर्चा देश के प्रमुख संगठन हैं और उन्होंने कई बार भारत बंद आयोजित किया है. इन संगठनों के माध्यम से राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के आंदोलन को भारी समर्थन मिला है. विकास पटेल न आगे कहा कि बामसेफ और भारत मुक्ति मोर्चा का राष्ट्रीय सम्मेलन 25 से 29 दिसंबर, 2021 के दौरान होने वाला है. इस सम्मेलन को सफल बनाने के लिए कार्यकर्ताओं की ताकत की जरूरत है.
उन्होंने कहा, राष्ट्रीय सम्मेलन के चलते कार्यकर्ताओं की ताकत विभाजित हो रही थी. कार्यकर्ताओं की ताकत का बंटवारा न हो इसके लिए 10 दिसंबर 2021 के भारत बंद को टाल दिया गया है. चौधरी विकास पटेल ने कहा कि पूरी ताकत से भारत को बंद किए बिना हमारे मुद्दों का समाधान नहीं हो सकता. इसलिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के माध्यम से यह निर्णय लिया गया कि अब 10 दिसंबर के बजाय 31 जनवरी 2022 को भारत बंद करने का निर्णय लिया गया है.
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के अध्यक्ष ने इससे पहले राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के कार्यकर्ताओं को अपनी पूरी ताकत के साथ बामसेफ, भारत मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारी करने को कहा. उन्होंने कहा कि बामसेफ और भारत मुक्ती मोर्चा के राष्ट्रीय अधिवेशन की सफलता के बाद ही कार्यकर्ताओं को 31 जनवरी 2022 को भारत बंद की तैयारी कर इसे सफल बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए.
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