चंडीगढ़ : कुछ गैर बीजेपी राज्यों द्वारा पुरानी पेंशन बहाल करने का फैसला लिए जाने या इसकी घोषणा करने के बाद अब देशभर में पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा जोर पकड़ता जा रहा है और बीजेपी शासित राज्यों पर इसे लागू करने का दबाव बनता जा रहा है. इस बीच ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एम्पलाइज फेडरेशन ने चेतावनी दी है कि कर्मचारियों को पेंशन फंड रेगुलेटरी डेवलपमेंट एक्ट (पीएफआरडीए) में कोई संशोधन मंजूर नहीं है. केंद्र सरकार कर्मचारियों एवं उनके परिजनों की भावनाओं का आदर करते हुए पीएफआरडीए एक्ट रद्द कर पुरानी पेंशन बहाल करने की पहले करे. अगर केंद्र सरकार ने पीएफआरडीए एक्ट रद्द कर पुरानी पेंशन बहाल नहीं की तो भाजपा को हिमाचल प्रदेश की तरह अन्य राज्यों में भी कर्मचारियों की नाराजगी झेलनी होगी.
इम्पलाइज फेडरेशन के अध्यक्ष सुभाष लाम्बा ने बृहस्पतिवार को कहा कि हिमाचल की तरह इस साल 9 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव में कर्मचारियों एवं उनके करोड़ों परिजनों की भारी नाराजगी का सामना भाजपा को करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली व आउटसोर्स, दैनिक वेतनभोगी व ठेका कर्मचारियों की रेगुलराइजेशन व खाली पड़े लाखों पदों को पक्की भर्ती से भरने आदि मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन का फैसला लिया है.
उन्होंने कहा कि आंदोलन के फैसले के अनुसार बजट सत्र में कर्मचारी संसद पर आक्रोश प्रदर्शन करेंगे और केंद्र सरकार का ध्यान अपनी मांगों की और आकर्षित करने का प्रयास किया जाएगा. जनवरी व फरवरी में सभी राज्यों में कर्मचारी सम्मेलन आयोजित होंगे. इसके बाद मार्च से जून तक देश के सभी जिलों, तहसील, ताल्लुका व खंडों में प्रदर्शन के दौरान कर्मचारी शामिल किए जाएंगे और कर्मचारियों को निर्णायक आंदोलन की तैयारी का आह्वान किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि आंदोलन के अगले चरण में जुलाई महीने में देश के चारों कोनों में कर्मचारियों के सैकड़ों वाहन जत्थे चलाएं जाएंगे और यह जत्थे कर्मचारियों के कार्य स्थलों पर जन सभाएं करते हुए सितंबर माह में नई दिल्ली में बड़ी लामबंदी की जाएगी. इसके बाद केंद्र एवं राज्य सरकार के खिलाफ निर्णायक आंदोलन का ऐलान किया जाएगा. उन्होंने सभी कर्मचारियों से घोषित आंदोलन का समर्थन करने का आह्वान किया है.
लांबा ने कहा कि जननायक जनता पार्टी ने चुनावी घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन बहाल करने का वादा किया था. डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला इस वादे को पूरा करने की बजाय सरकार का शेयर 14 प्रतिशत करने का बयान देकर जनता को गुमराह कर रहे हैं. हरियाणा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त विभाग ने 27 जनवरी, 2022 को पत्र जारी कर जनवरी-2022 से अपने शेयर को 10 प्रतिशत से बढ़कर 14 प्रतिशत कर दिया था. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली के बजाय कर्मचारियों के बढ़ते दबाव के कारण 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले 31 जनवरी, 2019 को पत्र जारी कर सरकार का शेयर दस से बढ़कर 14 प्रतिशत कर दिया था. इसके बाद लगभग सभी राज्यों में ऐसा किया जा चुका है. उन्होंने डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से मांग की है कि घोषणा पत्र में किए गए वादे पूरा करके हरियाणा में पुरानी पेंशन बहाल करें.