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ब्रिटेन सरकार की गोपनीय जांच में गुजरात दंगों के लिए मोदी पाए गए थे ज़िम्मेदार, रिपोर्ट में दावा

Published On :    20 Jan 2023   By : MN Staff
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मंगलवार शाम ब्रिटेन में बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री ‘इंडियाः द मोदी क्वेश्चन’ प्रसारित हुई. इसमें साल 2002 में गुजरात में हुए दंगों को लेकर ब्रिटेन सरकार की एक जांच रिपोर्ट प्रकाशित हुई.



नई दिल्ली :  मंगलवार शाम ब्रिटेन में बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री ‘इंडियाः द मोदी क्वेश्चन’ प्रसारित हुई. इसमें साल 2002 में गुजरात में हुए दंगों को लेकर ब्रिटेन सरकार की एक जांच रिपोर्ट प्रकाशित हुई. जिसे पहले प्रतिबंधित कर दिया गया था. जांच रिपोर्ट में गुजरात दंगों के लिए नरेंद्र मोदी सीधे तौर पर जिम्मेदार बताया. यह रिपोर्ट गुजरात के घटनाक्रम से चिंतित यूके सरकार द्वारा गठित एक जांच का परिणाम है. बता दें कि 27 फरवरी 2002 को गोधरा में एक ट्रेन को आग लगने से 59 लोगों की मौत के बाद हुए दंगों में 790 मुस्लिम और 254 हिंदू मारे गए थे, 223 लोग लापता था और 2500 लोग घायल हो गए थे.


डॉक्यूमेंट्री में पूर्व विदेश सचिव जैक स्ट्रॉ ने कहा, ‘मैं इसके बारे में बहुत चिंतित था. मैंने काफी व्यक्तिगत रुचि ली क्योंकि भारत एक महत्वपूर्ण देश है जिसके साथ हमारे (यूके) संबंध हैं. इसलिए हमें इसे बहुत सावधानी से संभालना पड़ा.’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमने एक जांच गठित की और एक टीम को गुजरात जाकर खुद पता लगाना था कि क्या हुआ था. उन्होंने बहुत गहन रिपोर्ट तैयार की.’ जांच दल द्वारा यूके सरकार को दी गई रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि हिंसा का दायरा, जितना रिपोर्ट किया गया उसकी तुलना में बहुत अधिक था और मुस्लिम महिलाओं का व्यापक एवं योजनाबद्ध तरीके से बलात्कार किया गया क्योंकि हिंसा राजनीतिक रूप से प्रेरित थी. इसमें आगे कहा गया है कि दंगों का उद्देश्य मुसलमानों का हिंदू क्षेत्रों से सफाया करना था. आरोप लगाया गया निस्संदेह यह मोदी की तरफ से हुआ.


डॉक्यूमेंट्री में एक ब्रिटिश राजनयिक ने अपनी पहचान उजागर न करते हुए कहा है, ‘हिंसा के दौरान कम से कम 2000 लोगों की गई हत्या में अधिकांश मुस्लिम थे. हमने इसे एक नरसंहार के रूप में वर्णित किया. मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने का जानबूझकर राजनीतिक रूप से संचालित प्रयास. रिपोर्ट में आरएसएस से जुड़ी विश्व हिंदू परिषद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘हिंसा व्यापक रूप से एक चरमपंथी हिंदू राष्ट्रवादी समूह विहिप द्वारा आयोजित की गई थी.’ विहिप और उसके सहयोगी ‘राज्य सरकार द्वारा बनाए गए दंडमुक्ति के माहौल’ के बिना इतना नुकसान नहीं कर सकते थे.’ दंडमुक्ति के भाव ने हिंसा के लिए माहौल तैयार किया.


पूर्व ब्रिटिश विदेश सचिव स्ट्रॉ ने बीबीसी को बताया, ‘बहुत गंभीर दावे किए गए थे कि मुख्यमंत्री मोदी ने पुलिस को वापस बुलाने और हिंदू चरमपंथियों को मौन रूप से प्रोत्साहित करने में काफी सक्रिय भूमिका निभाई.उनका कहना है कि मोदी के खिलाफ ये आरोप चौंकाने वाले थे. पुलिस को समुदायों की रक्षा करने के उसके काम से रोककर राजनीतिक संलिप्तता का एक जबरदस्त उदाहरण पेश किया. उन्होंने आगे स्वीकार किया कि एक मंत्री के रूप में उनके पास ‘काफी सीमित’ विकल्प थे. ‘हम भारत के साथ राजनयिक संबंध तोड़ने नहीं जा रहे थे, लेकिन जाहिर तौर पर यह उनकी प्रतिष्ठा पर दाग था.’


2002 के दंगों के बाद ब्रिटिश सरकार ने मोदी द्वारा रक्तपात को न रोकने के दावों के आधार पर उनका राजनयिक बहिष्कार किया था. यह अक्टूबर 2012 में समाप्त हुआ. उसी दौरान यूरोपीय संघ द्वारा भी एक जांच गठित की गई, जिसने मामले की पड़ताल की. इसने कथित तौर पर पाया कि ‘मंत्रियों ने हिंसा में सक्रिय भागीदारी की और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे दंगे में हस्तक्षेप न करें.’ डॉक्यूमेंट्री में ब्रिटिश जांच रिपोर्ट का निष्कर्ष है, ‘जब तक मोदी सत्ता में रहेंगे समन्वय असंभव होगा.’ यह डॉक्यूमेंट्री अभी भारत में देखने के लिए उपलब्ध नहीं है.


हिंसा पर मोदी का इंटरव्यू करने वालीं बीबीसी की जिल मैक्गिवरींग कहती हैं, ‘नरेंद्र मोदी बहुत मीडिया फ्रेंडली नहीं हैं. उन्हें इंटरव्यू के लिए राजी करना बहुत मुश्किल साबित हुआ. बार-बार हिंसा और गुजरात की उथल-पुथल के बारे में उनके सवाल पर मोदी को यह जवाब देते हुए देखा जा सकता है, ‘मुझे लगता है कि पहले आपको अपनी जानकारी ठीक करनी चाहिए. राज्य में बहुत शांति है. राज्य में कानून-व्यवस्था को ठीक से नहीं संभालने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘यह पूरी तरह से गुमराह करने वाली जानकारी है. मैं आपके विश्लेषण से सहमत नहीं हूं. आप अंग्रेजों को हमें मानवाधिकार का उपदेश नहीं देना चाहिए. यह पूछे जाने पर कि क्या पूरे प्रकरण में कुछ ऐसा था जो मोदी अलग तरीके से करना चाहेंगे, मोदी ने कहा, ‘एक क्षेत्र जहाँ मैं चीजों को अलग तरह से कर सकता था वह है, मीडिया को कैसे हैंडल किया जाए.

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