सिरोही : राजस्थान में अनु.जाति के साथ जातिगत भेदभाव की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है. अब राजस्थान के सिरोही जिले ऐसी ही एक घटना सामने आई है. जहां अनु.जाति के युवक से एक ढाबे में लाइट फिटिंग का काम कराकर मेहनताना देने के बजाए उसके हाथ-पैर बांधकर जमकर पीटा. उसके बाद जूतों की माला पहना दी. जबरन यूरिन पिलाया गया. पीड़ित युवक हाथ जोड़कर छोड़ने की भीख मांगता रहा, लेकिन दबंगों ने एक न सुनी. उन्होंने इसका वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अनु.जाति के युवक भरत कुमार ने ढाबे में बिजली के काम का 21000 रुपये का बिल दिया. उन्हें केवल 5000 रुपये दिए जा रहे थे और बाद में आने के लिए कहा. दोपहर में जब वह अपना पैसा लेने गया तो उसे काफी देर तक इंतजार बाद दोबारा रात 9 बजे आने को कहा गया. जब वह रात करीब 9.10 बजे वापस गया, तो उन्हें फिर से इंतजार करने के लिए कहा गया. जैसे ही शिकायत दर्ज करने की धमकी दी तो उन्होंने उन्हें पीटना शुरू कर दिया. आरोपी ने अन्य लोगों के साथ उसे पकड़ लिया और पिटाई कर दी.
बदमाशों के खौफ के चलते पीड़ित दो दिन तक घर में ही रहा. बाहर निकलने की उसकी हिम्मत तक नहीं हुई. परिवार ने उसका हौसला बढ़ाया और उसने पुलिस में शिकायत करने की ठान ली. 23 नवंबर को पीड़ित कोतवाली पहुंचा और प्रवीण सिंह चौहान, सुरेंद्र सिंह सोढा और मूलाराम भाट के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया.
यह घटना पिछले कुछ महीनों में रेगिस्तानी राज्य में अनु.जातियों पर लगातार हो रहे हमलों को जोड़ती है. नवंबर में जोधपुर में एक ट्यूबवेल से पानी भरने के लिए अनु.जाति के व्यक्ति की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या की गई. पीड़ित किशनलाल भील के भाई अशोक के मुताबिक, हमलावरों ने भील के खिलाफ जातिसूचक गालियां भी दीं और उसे अस्पताल नहीं ले जाने दिया. पुलिस के हस्तक्षेप के बाद उसे अस्पताल भेजा गया जहां उसने दम तोड़ दिया.
सितंबर में, जैसलमेर में एक अनु.जाति के व्यक्ति को ऊंची जातियों के लिए आरक्षित बर्तन से पानी पीने के लिए पीटा गया. पीडित चुतरा राम मेघवाल अपने गांव में एक दुकान के पास बैठा था और दुकान के बाहर रखे बर्तन से पानी पी रहा था. इसके बाद चार-पांच लोग उससे भिड़ गए और उसके साथ मारपीट की.
राजस्थान में अनु.जातियों पर हमलों की बढ़ती घटनाओं के चलते वे बौद्ध धर्म अपना रहे है. अक्टूबर में राजस्थान के बारां जिले के एक परिवार के 12 सदस्यों ने बौद्ध धर्म अपना लिया. जहां परिवार के दो सदस्यों को उच्च जातियों द्वारा बेरहमी से पीटा गया था.