भारत में बाल विवाह पर कानूनी प्रतिबंध लगाया गया है, इसके बावजूद देश में बाल विवाह थमने का नाम नहीं ले रहा है.
नई दिल्ली : भारत में बाल विवाह पर कानूनी प्रतिबंध लगाया गया है, इसके बावजूद देश में बाल विवाह थमने का नाम नहीं ले रहा है. सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम स्टैटिस्टिकल रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग एक तिहाई ग्रामीण महिलाएं 18-20 साल के बीच शादी के बंधन में बंध जाती हैं. जबकि शहरी क्षेत्रों में 18.6 फीसदी महिलाओं की शादी 18-20 साल के बीच होती है. केरल में साल 2020 में 18 साल से कम उम्र में कोई शादी नहीं हुई. यानी एक भी बाल विवाह नहीं हुआ. साल 2021-2022 में कर्नाटक में 418 बाल विवाह हुए हैं. रिपोर्ट में 2017-2018 से तुलना करते हुए इसमें 300 फीसदी की बढ़ोतरी बताई गई है.
हाल ही में रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त (आरजीआई) की तरफ से जारी रिपोर्ट में सामने आया है कि एक तिहाई लड़कियों की शादी 21 साल की उम्र में हो जाती है. पश्चिम बंगाल और झारखंड इस मामले में टॉप पर हैं. दोनों राज्यों में ज्यादातर लड़कियों की शादी 21 की उम्र में हो जाती है. देश की राजधानी दिल्ली में यह आंकड़ा 17 फीसदी लड़कियों का है.
जम्मू-कश्मीर का रिकॉर्ड इस मामले में सबसे अच्छा है. यहां 2020 में 10 फीसदी से भी कम लड़कियों की शादी 21 साल की उम्र में हुई. जम्मू-कश्मीर में लड़कियों की शादी की औसत उम्र 26 साल है. इसके बाद पंजाब और दिल्ली का नंबर आता है. इन दोनों राज्यों में लड़कियों की शादी की औसत उम्र 24.4 साल थी. पश्चिम बंगाल और झारखंड में शादी की सबसे कम औसत आयु 21 साल और उसके बाद ओडिशा में 22 साल थी. जबकि पूरे देश का औसत निकाले तो यहां लड़कियों की शादी 22.7 साल में होती है.
भारत में साल 1929 में पहली बार चाइल्ड मैरिज रीस्ट्रेंट एक्ट पास हुआ, जिसे ‘शारदा एक्ट’ भी कहा जाता है. इस एक्ट में लड़की की शादी के लिए न्यूनतम उम्र 14 साल थी और लड़कों की 18 साल. समय-समय पर इसमें बदलाव हुआ और लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाकर 18 साल और लड़कों की 21 साल कर दी गई. साल 2006 में भारत सरकार ‘शारदा एक्ट’ की जगह ‘बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006’ लेकर आई. 15 अगस्त 2020 में सरकार ने शादी की उम्र 18 से 21 करने की घोषणा की.
गौरतलब है कि हाल ही में हरियाणा में बाल विवाह पर पूरी तरह बैन कर दिया है. नाबालिगों की शादी को उनके बालिग होने पर भी अदालत से मान्यता नहीं मिलेगी. बाल विवाह को पूरी तरह निषेध करने वाले हरियाणा के कानून को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है. इसके तहत 15 से 18 वर्ष की आयु के जोड़े के बीच वैवाहिक संबंध पूर्ण रूप से अवैध माना जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद हरियाणा सरकार ने यह कानून लाया था.
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