इससे पहले उन्होंने अप्रैल माह में विवादित बयान देते हुए मुस्लिम समुदाय की महिलाओं और बेटियों को घर से उठाकर रेप करने की बात कही थी. उनके इस बयान का वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था. जिसके बाद विवादित बयान देने के मामले में बजरंग मुनि को गिरफ्तार कर लिया गया था. बजरंग मुनि के खिलाफ थाना खैराबाद में विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था.
लखनऊ : देशभर में ज्ञानव्यापी मस्जिद, मथुरा और ताजमहल पर छिड़े विवाद के बीच मुस्लिम महिलाओं को रेप की धमकी देने वाले महंत बजरंग मुनि ने एक बेतुका दावा किया है. बजरंग मुनि ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय को पत्र लिखकर मक्का-मदीना में भी शिव मंदिर होने का बेतुका दावा किया है और उसकी जांच की मांग की है. महंत बजरंग मुनि ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय को पत्र लिखकर कहा है कि मक्का-मदीना की जांच होनी चाहिए क्योंकि वहां पहले शिव मंदिर था.
इससे पहले उन्होंने अप्रैल माह में विवादित बयान देते हुए मुस्लिम समुदाय की महिलाओं और बेटियों को घर से उठाकर रेप करने की बात कही थी. उनके इस बयान का वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था. जिसके बाद विवादित बयान देने के मामले में बजरंग मुनि को गिरफ्तार कर लिया गया था. बजरंग मुनि के खिलाफ थाना खैराबाद में विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. 13 अप्रैल 2022 को महंत को गिरफ्तार कर मेडिकल परीक्षण के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था.
बजरंग मुनि उत्तर प्रदेश के खैराबाद कस्बे के महर्षि श्री लक्ष्मण दास उदासीन आश्रम के महंत है. प्रतापगढ़ जिले के औवर गांव के रहने वाले बजरंग मुनि पिछले 2 साल से खैराबाद के बड़ी संगत आश्रम में महंत की के पद पर हैं. उनका असली नाम अनुपम है.
फरवरी 2021 में बड़ी संगत के पास जो जमीन खाली पड़ी है उसपर मुस्लिम परिवार का कब्जा था जिसे छुड़ाने के लिए बाबा और समुदाय के लोगो में हिंसक झड़प हुई जिसके बाद महंत बजरंग मुनि को गंभीर चोटें आई और उन्हे भर्ती भी होना पड़ा था. बाबा का खौफ इस कदर है की 70 से ज्यादा मुस्लिम परिवार बड़ी संगत की तरफ जाने से डरते है और रेप की धमकी के बाद लड़कियों ने उस तरफ जाना बंद कर दिया है.
गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इस केस को वाराणसी जिला अदालत को ट्रांसफर करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा, ‘‘तब तक हम जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी से वादियों से परामर्श करने और वजू के लिए उचित व्यवस्था करने का अनुरोध करते हैं. वहीं, ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि वजू करने के स्थान पर शिवलिंग मिला है. वहीं मुस्लिम पक्ष ने शिवलिंग मिलने की बात को गलत करार देते हुए कहा कि शिवलिंग जैसी कोई चीज नहीं मिली है. जिसे वो शिवलिंग कह रहे हैं, वो दरअसल फव्वारे का एक हिस्सा है.
बता दें कि देशभर में मंदिर- मस्जिद विवाद को लेकर राजनीति चरम पर है. खासकर ज्ञानवापी मस्जिद, मथुरा और ताजमहल पर छिड़े विवाद के बीच कई इस्लामिक इमारतों के नीचे मंदिर होने का दावा किया जा रहा है. ऐसे में मुगल शासकों की बनवाई हुई प्रसिद्ध इमारतों की जांच और खुदाई की मांग की जा रही है.
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