अंतरधार्मिक विवाह करने पर गिरफ़्तार दंपति की रिहाई का दिया आदेश
अहमदाबाद : धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत अंतरधार्मिक विवाह को लेकर यूपी की योगी सरकार के बाद गुजरात पुलिस को भी हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा हैं. गुजरात हाईकोर्ट नेबनासकांठा जिले में पालनपुर पुलिस द्वारा परिजनों की शिकायत पर गिरफ्तार किए गए अंतरधार्मिक विवाह करने वाले दंपति को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है.
जस्टिस सोनिया गोकणी तथा जस्टिस संगीता विशेण ने घटनाक्रम को लेकर नाराजगी प्रकट करते हुए इसे हैरान भरा करार दिया. अदालत ने दंपति को रिहा करने का आदेश देते हुए कहा कि पुलिस ने अंतरधार्मिक विवाह के इस मामले के समाधान के लिए अनुचित सक्रियता दिखाई. अदालत ने 30 वर्षीय युवक के भाई द्वारा दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए स्थानीय मजिस्ट्रेट के रिमांड आदेश को खारिज कर पालनपुर पुलिस को दंपति को तत्काल रिहा करने के लिए कहा.
पालनपुर के निवासी 30 वर्षीय मुस्लिम युवक ने पिछले साल दिसंबर के अंत में उसी कस्बे में रहने वाली 29 वर्षीय हिंदू युवती से शादी की थी. महिला के परिजन उनकी मर्जी के बिना शादी करने के फैसले से नाराज थे और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.
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समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, अदालत ने अपने आदेश में रेंज इंस्पेक्टर जनरल को निर्देश दिया कि पालनपुर-पूर्व और पालनपुर-पश्चिम पुलिस स्टेशनों के पुलिस निरीक्षकों, जिनकी निगरानी में इतने दिनों के लिए दंपति को हिरासत में लिया गया, के आचरण की पूछताछ कर और डीआईजी को रिपोर्ट को देने के लिए कहा.
याचिका में कहा गया था कि युवती और युवक बचपन से दोस्त थे. युवक अब सूरत में काम करता है. युवती के फैसले से दुखी होकर उनके पिता ने पालनपुर-पूर्व पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी आरोप लगाया कि युवती ने भागने से पहले घर से पैसे चुराए थे.
शिकायत के आधार पर पालनपुर पुलिस ने दंपति को एक हफ्ते पहले गिरफ्तार किया था. बाद में एक स्थानीय मजिस्ट्रेट ने उन्हें 18 जनवरी से चार दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया था. पुलिस की कार्रवाई के बाद 18 जनवरी को युवक के भाई ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के साथ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और हाल ही में विवाहित युवक को पेश किए जाने की मांग करते हुए दावा किया था कि उन्हें गैर कानूनी तरीके से गिरफ्तार किया गया है.
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