कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी के लिए कानून की मांग दोहराई
नई दिल्ली : सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव को संयुक्त किसान मोर्चे ने खारिज कर दिया हैं. मोर्चे ने 3 कृषि कानूनों को निरस्त करने और एमएसपी के लिए कानून बनाने की मांग दोहराई हैं. किसान नेता जोगिंदर उग्राहन ने बताया कि यह निर्णय लिया गया है कि सरकार के किसी भी प्रस्ताव को तब तक स्वीकार नहीं किया जाएगा जब तक कि वे कृषि कानूनों को निरस्त नहीं करते. शुक्रवार की बैठक में हम कहेंगे कि हमारी केवल एक मांग है, कानूनों को निरस्त करना और कानूनी रूप से एमएसपी को अधिकृत करना. इन सभी को सर्वसम्मति से तय किया गया है.
संयुक्त किसान मोर्चे ने इस आंदोलन में अब तक शहीद हुए 147 किसानों को श्रद्धाजंलि अर्पित की. किसानों ने कहा कि इस आंदोलन को लड़ते लड़ते ये साथी हमसे बिछड़े है. इनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. पुलिस प्रशासन के साथ हुई बैठक में पुलिस ने दिल्ली में प्रवेश न करने की बात कही वहीं किसानों ने दिल्ली की रिंग रोड पर परेड करने की बात दृढ़ता और ज़ोर से रखी.
किसानों ने बताया कि शांतिपूर्ण चल रहा यह आंदोलन अब देशव्यापी हो चुका है. कर्नाटक में अनेक स्थानों पर वाहन रैलियों के माध्यम से किसान गणतंत्र दिवस के लिए एकजुट हो रहे हैं. केरल में कई जगहों पर किसान ट्रेक्टर मार्च निकाल रहे हैं.
उत्तराखंड के बिलासपुर व रामपुर समेत अन्य जगहों पर किसान ट्रैक्टर मार्च कर दिल्ली की किसान परेड की तैयारी कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ में किसान 23 जनवरी को राजभवन का घेराव करेंगे और एक जत्था दिल्ली की तरफ भी रवाना होगा. मोर्चे ने कहा कि नवनिर्माण किसान संगठन की किसान दिल्ली चलो यात्रा, जो कि ओडिशा से चली थी, को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा बार बार परेशान किया जा रहा है. उनके रुट बदलने से लेकर बैठके न करने के निर्देश दिए जा रहे हैं. हम प्रशासन के इस बर्ताव का विरोध करते हैं.
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किसानों ने बताया कि कोलकाता में 3 दिन का विशाल महापड़ाव 20 जनवरी से 22 जनवरी तक होगा. कल हुए विशाल कार्यक्रम में हज़ारो लोगों ने भाग लिया. आने वाले समय में आंदोलन ओर भी तेज होने की संभावना है. किसानों ने बताया कि मजदूर किसान शक्ति संगठन के नेतृत्व में किसान, मजदूर व आम लोग शाहजहांपुर बॉर्डर पहुंच रहे हैं.
वहीं दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर प्रस्तावित किसानों के ट्रेक्टर मार्च को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा हैं की 26 जनवरी को देशभर के आंदोलनकारी किसान दिल्ली की सड़कों पर ट्रैक्टर परेड निकालेंगे. किसानों की इस ट्रैक्टर परेड को रोकने के लिए जहां दिल्ली पुलिस ने भी रणनीति बनानी शुरू कर दी हैं वहीं किसानों ने अभी से ही इसकी तैयारियाँ शुरू कर दी है.
पंजाब और हरियाणा से ट्रैक्टरों ने पहुँचना भी शुरू हो गया हैं. पुलिस के द्वारा ट्रैक्टर रैली को रोके जाने को लेकर राकेश टिकैत ने कहा है कि देश आझाद हैं तो किसानों को क्या अब ट्रैक्टर पर तिरंगा लगाने की भी आजादी नहीं है. साथ ही टिकैत ने यह भी कहा है कि इस मामले में पुलिस अपना काम करे हम अपना काम करेंगे.
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जैसे जैसे 26 जनवरी की तारीख नज़दीक आती जा रही है वैसे वैसे दिल्ली पुलिस किसानों के ट्रैक्टर परेड को रोकने के लिए रणनीति बना रही है. इसको लेकर किसान संगठनों और पुलिस अधिकारियों के बीच दो दौर की बैठक भी हो चुकी है. इसके बावजूद भी किसान ट्रैक्टर परेड निकालने की मांग पर अड़े हुए हैं. ट्रैक्टर परेड को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने एक टीवी डिबेट में कहा कि हम परेड में दिल्ली के लोगों को किसी भी तरह से परेशान नहीं करेंगे बल्कि दिल्ली पुलिस की सहायता भी करेंगे और व्यवस्था बनाये रखने में मदद भी करेंगे.
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