लखनऊ : अनलॉक 2 में अब एक बार फिर से महंगाई का पारा सातवें आसमान पर चढने लगा़ है. महंगाई का असर न केवल पेट्रोल डीजल पर देखने को मिल रहा है, बल्कि आलू, प्याज और टमाटर भी अपनी-अपनी औकात दिखाने लगे हैं. अनलॉक-02 में भी अब खाने-पीने की कई आवश्यक वस्तुएं आम जनता की पहुंच से दूर हो रही हैं.
कारोबारी इसके पीछे की वजह रेस्टोरेंट व होटलों के पूरी क्षमता से न चलने और सार्वजनिक कार्यक्रमों पर बंदिश को मान रहे हैं. जबकि, आलू-प्याज और टमाटर आदि की कीमतों में आग लगी हैं. लॉकडाउन से अनलॉक-02 में आलू-प्याज की कीमतों में 300 से 700 रुपये प्रति कुंतल का उछाल आया है. हालांकि, आटा, दाल से लेकर सरसों के तेल आदि में खास अंतर नहीं दिख रहा है.
इसके साथ ही लॉकडाउन में काला बाजारी और जमाखोरी भी जमकर चल रही है. हालांकि, बताया जा रहा है कि इस आशंकाओं को देखते हुए सरकार ने आलू, प्याज, टमाटर के साथ ही गेहूं, आटा, अरहर दाल, चना दाल, सरसों तेल, रिफाइंड तेल, नमक, चायपत्ती जैसी रोजमर्रा की वस्तुओं को 30 जून तक आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में रखा था. फुटकर मार्केट में भले ही कुछ वस्तुओं पर मुनाफाखोरी हुई, लेकिन थोक मंडी की कीमतों पर कड़ाई का असर दिखा. अब ये वस्तुएं आवश्यक वस्तु की श्रेणी से बाहर आ गई हैं.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष मदन गुप्ता कहते हैं कि किसी भी वस्तु की कीमत डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करती हैं. लॉकडाउन से लेकर अभी तक गरीबों को गेंहू, चावल से लेकर चना दिया जा रहा है, जिससे खुले मार्केट में खाद्यान्न की कीमतें स्थिर हैं. वहीं चीनी की मांग होटल-रेस्टोरेंट का संचालन पूरी क्षमता से न होने से कम है.
इसलिए कीमतों में खास बढ़ोत्तरी नहीं है. वहीं गल्ला व्यापारी अनंत गुप्ता कहते हैं कि आटा, दाल से लेकर मैदा आदि की कीमतों में लॉकडाउन की तुलना में हल्की गिरावट ही है. सिर्फ सरसों के तेल में मामूली बढ़त है. यह भी बताया जा रहा है कि वैसे भी सावन का महीना खाद्यान के व्यापार के लिए फीका रहता है. हरी सब्जियां मार्केट से अब गायब हो रही है, ऐसे में दाल की मांग बढ़ोत्तरी तय है.
सूत्रों ने बताया कि थोक मंडी से लेकर फुटकर बाजारों में आलू-प्याज और टमाटर की कीमतों में बढ़ोत्तरी दिख रही है. आलू-प्याज के थोक कारोबारी फिरोज अहमद राइनी कहते हैं कि अनलॉक-02 में आलू-प्याज की मांग बढ़ी है. लॉकडाउन की तुलना में प्याज की कीमतों में 250 से 300 रुपये की बढ़ोत्तरी है. आलू की कीमतें भी 400 से 600 रुपये तक बढ़ी हैं. लॉकडाउन के चलते आलू कोल्ड स्टोरेज में नहीं रखे जा सके हैं. ऐसे में आने वाले दिनों में कीमतें और बढ़ेंगी. फुटकर सब्जी विक्रेता विनोद का कहना है कि मंडी में लोकल सब्जियों की आवक कम है जिससे लौकी, नेनुआ, करैला, कद्दू, परवल, गोभी की कीमतें दोगुने तक बढ़ गई है. सर्वाधिक असर टमाटर की कीमतों पर है.