मध्यप्रदेश के छत्तरपुर में बागेश्वर धाम के साधु धीरेंद्र शास्त्री की मुश्किले बढ़ नजर आ रही है.
नई दिल्ली : मध्यप्रदेश के छत्तरपुर में बागेश्वर धाम के साधु धीरेंद्र शास्त्री की मुश्किले बढ़ नजर आ रही है. दरअसल महाराष्ट्र अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने धीरेंद्र शास्त्री पर अपने प्रवचनों के जरिये अंधविश्वास को बढ़ावा देने को लेकर शिकायत दर्ज कराई है. इस पूरे मामले में वकील आभा सिंह का कहना है कि धीरेंद्र शास्त्री जो भी कुछ बोल रहे हैं वह अंधविश्वास के खिलाफ बने कानून के दायरे में आता है. उस कानून में गॉडमैन के लिए एक अलग से चैप्टर है. आभा सिंह ने कहा कि इसके अलावा आईपीसी की धारा 416 के तहत भी बाबा के बयान को लेकर कार्रवाई हो सकती है.
उनका कहना है कि इसके अंतर्गत चीटिंग ऑफ पर्सोनेसन है. इसके अंतर्गत आप किसी का नाम लेकर कहते हैं कि मेरे पास ये शक्ति है और मैं यह कर सकता हूं. ऐसे में सेक्शन 416 के तहत केस बनता है. इसके यदि कोई कहता है कि भगवान या ईष्ट देव की नाराजगी से किसी को कुछ हो जाएगा तो यह गुनाह बनता है. साथ ही सेक्शन 508 के तहत केस बनता है.
धीरेंद्र शास्त्री साफ-साफ कहते हैं कि मेरे ईष्टदेव ये कर सकते हैं. धीरेंद्र शास्त्री हनुमान जी के भक्त हैं. ऐसे में अगर लोगों को सामने कहते हैं कि हनुमान जी आपको ठीक कर सकते हैं और मेरे पास ये शक्ति है, तो यह केस बनता है. वकील ने कहा कि महाराष्ट्र में अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून है. इसलिए धीरेंद्र शास्त्री वहां से फरार हो गए.
दरअसल महाराष्ट्र के नागपुर में एक कथा आयोजित की गई थी. ये कथा 13 जनवरी तक चलनी थी, लेकिन कार्यक्रम 11 जनवरी को ही संपन्न हो गया. ऐसा कहा गया कि महाराष्ट्र की अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति की ओर से दी गई चुनौती के कारण धीरेंद्र शास्त्री कार्यक्रम से भाग गए. समिति ने चुनौती दी थी कि अगर धीरेंद्र शास्त्री वाकई सबके बारे में बिना बताए जान लेते हैं, तो अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति के सामने आएं. अगर वो जीत गए तो उन्हें 30 लाख रुपये दिए जाएंगे.
अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने धीरेंद्र शास्त्री पर अंधविश्वास और जादू-टोना फैलाने का आरोप लगाया. समिति के मुताबिक दिव्य दरबार और प्रेत दरबार की आड़ में धीरेंद्र शास्त्री जादू-टोना करते हैं. देव-धर्म के नाम पर आम लोगों को लूटने, धोखाधड़ी और शोषण भी किया जा रहा है. समिति ने पुलिस से भी मांग की है कि धीरेंद्र शास्त्री पर कार्रवाई हो.
बता दें कि इससे पहले रेपीस्ट नित्यानंद दावा करता था कि उसे 12 साल की उम्र में ज्ञान प्राप्त हुआ. नित्यानंद खुद को शिव और कृष्ण बताता था, वह यह भी दावा करता था कि अगर वह चाहे तो सूरज देर से निकलेगा. यही नहीं नित्यानंद दीवार के आर-पार देखने, नेत्रहीन बच्चों की रोशनी को लौटाने तथा गायों से बात करने जैसे कई विवादित दावे करता था. लेकिन लेकिन रेप के आरोपों में घिरने के बाद नित्यानंद साल 2019 में फरार हो गया.
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