नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने मंगलवार को कहा कि भगवा पार्टी स्व-केंद्रित एजेंडे के लिए बेनकाब हो गई है क्योंकि उसके सभी कार्य ‘बेशर्म पक्षपात और अदूरदर्शी राजनीति’ द्वारा निर्देशित हैं.
नई दिल्ली : नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने मंगलवार को कहा कि भगवा पार्टी स्व-केंद्रित एजेंडे के लिए बेनकाब हो गई है क्योंकि उसके सभी कार्य ‘बेशर्म पक्षपात और अदूरदर्शी राजनीति’ द्वारा निर्देशित हैं. उन्होंने कहा कि मैं यह स्वीकार नहीं करता कि भारत सांप्रदायिक है, यह धर्मनिरपेक्ष रहा है और रहेगा. अब्दुल्ला रामबन जिले के बटोटे में पार्टी के कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू- कश्मीर में भाजपा के युद्धाभ्यास ने लोगों को बीच में छोड़ दिया है. ‘उन्हें कुछ भी नहीं बचा सकता क्योंकि लोगों ने अपने वोटों के माध्यम से उन्हें दंडित करने का मुद्दा बनाया है.’ अब्दुल्ला ने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35 ए से संबंधित मामले में हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट जल्द ही इसे सुनेगा.हम न केवल सुप्रीम कोर्ट पर निर्भर हैं बल्कि राजनीतिक लड़ाई लड़ रहे हैं, जितने अधिक वोट हम जीतेंगे, उतना ही हम इसे विधानसभा में आगे बढ़ा पाएंगे.
उन्होंने कहा, ‘भाजपा अपनी अदूरदर्शी राजनीति के लिए बदनाम और अलग-थलग खड़ी है. वे अपने दोहरेपन, धोखे और आत्मकेंद्रित एजेंडे के लिए बेनकाब हो गए हैं, जिसने लोगों के जीवन पर भारी असर डाला है. नेकां नेता ने कहा, ‘उनके सभी कार्य खुले तौर पर पक्षपात और अदूरदर्शी राजनीति द्वारा निर्देशित होते हैं. उनका कोई भी कार्य लोगों के मुद्दों को हल करने के उद्देश्य से नहीं है. अब तक उन्होंने केवल लोगों के सामने आने वाले मुद्दों को गहरा किया है, चिनाब घाटी के लोगों भगवान की दया पर छोड़ दिया गया है.’
जम्मू-कश्मीर में अपना आधिपत्य स्थापित करने के लिए भाजपा को एक हथियार के रूप में परिसीमन करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि नए निर्वाचन क्षेत्रों को बनाने में परिसीमन आयोग द्वारा दिया गया भौगोलिक तर्क एक धूमिल था. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर भाजपा चिनाब और पीर पंजाल क्षेत्र को संतुलित प्रतिनिधित्व देने के लिए ईमानदार होती तो वारवान, मारवाह और दशान को विधानसभा सीट दी जाती.
अब्दुल्ला ने कहा, ‘वास्तव में जम्मू क्षेत्र के दूर-दराज के क्षेत्रों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है. भाजपा स्वार्थ से आगे नहीं सोचती. लोगों के पास अपनी जमा पूंजी कम करने के बाद भाजपा अब निर्वाचन क्षेत्रों को घेरकर और बाहरी मतदाताओं को लाकर पिछले दरवाजे से इस क्षेत्र को जीतने की कोशिश कर रही है. वे केवल सत्ता पर कब्जा करना चाहते हैं.’
उन्होंने युवाओं को मतदाता के रूप में पंजीकरण कराने का आह्वान करते हुए कहा, ‘इस बार हम अपनी युवा पीढ़ी के भविष्य के लिए मतदान करेंगे. इस बार यह हमारी संस्कृति, हमारी पहचान और हमारे व्यक्तित्व की रक्षा करने के बारे में है. प्रसन्नता की कोई गुंजाइश नहीं है. अब्दुल्ला ने कहा, ‘कोई हमारी मदद करने वाला नहीं है. हम सभी को मतदान के लिए पंजीकरण करना होगा और बाद में बड़ी संख्या में मतदान करना होगा ताकि भाजपा के नापाक मंसूबों को रोका जा सके, जिसका उद्देश्य स्थानीय कश्मीरियों को शक्तिहीन करना है.
रोजगार को लेकर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू के युवाओं को रोजगार देने से दूर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार नौकरियां छीन रही है. उन्होंने कहा, सभी नौकरियां, खनन ठेके आउटसोर्स किए जा रहे हैं. जम्मू के सीमांत व्यापारी और खुदरा क्षेत्र के व्यवसाय भी आपदा की ओर बढ़ रहे हैं. जम्मू में हजारों युवा डिग्री होने के बावजूद नौकरियों के बिना बेकार पड़े हैं.
उधर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को भाजपा सरकार पर अपने विभाजनकारी एजेंडे को लागू करने के लिए कश्मीर की सभी धार्मिक और सूफी परंपराओं को खत्म करने का आरोप लगाया. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘पाखंड की कोई सीमा नहीं है क्योंकि भाजपा खुद मंदिर, दरगाह या गुरुद्वारे में पगड़ी बांधने का कोई मौका नहीं छोड़ती है. वे तब तक रुकने के लिए तैयार नहीं हैं जब तक कि वे अपने विभाजनकारी एजेंडे को लागू करके नियंत्रण करने के लिए हमारी सभी धार्मिक और सूफी परंपराओं को खत्म नहीं कर देते.
पीडीपी नेता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में धार्मिक नेताओं को गिरफ्तार करना, सज्जाद नशीनों को उनके पारंपरिक कर्तव्यों का पालन करने से रोकना और अब दस्तरबंदी पर प्रतिबंध लगाना, जो धार्मिक स्थानों पर आशीर्वाद देने का एक सार्वभौमिक समारोह है. इससे पता चलता है कि कश्मीर में धार्मिक और सूफी परंपराओं को खत्म किया जा रहा है.
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