मोबाइल सेवा 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी 1 अगस्त को संपन्न हुई. सरकार के अनुसार, 5जी के लिए नीलामी के लिए रखे गए कुल स्पेक्ट्रम का 71 प्रतिशत बेचा जा चुका है.
नई दिल्ली : मोबाइल सेवा 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी 1 अगस्त को संपन्न हुई. सरकार के अनुसार, 5जी के लिए नीलामी के लिए रखे गए कुल स्पेक्ट्रम का 71 प्रतिशत बेचा जा चुका है. स्पेक्ट्रम के लिए बोली की कुल राशि 1,50,173 करोड़ रुपये है जिसके लिए करीब 40 राउंड में बोलीदाताओं ने अधिकार प्राप्त किए. 20 वर्ष की अवधि के साथ कुल 72097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी की गई है.
इसमें रिलायंस जियो ने 88,078 करोड़ रुपये की बोली के साथ 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में बिके कुल स्पेक्ट्रम में से करीब आधा हिस्सा खरीदा. वहीं अडाणी समूह की कंपनी ने 212 करोड़ रुपये में 400 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा है. यह कुल बिके स्पेक्ट्रम के एक प्रतिशत से भी कम है. इसके अलावा मित्तल की भारती एयरटेल ने 43,084 करोड़ रुपये जबकि वोडाफोन आइडिया ने 18,799 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम खरीदा है.
अब पूर्व दूरसंचार मंत्री ए.राजा ने 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में बड़ा घोटाला होने का आरोप लगाया था. उन्होंने नीलामी से मिली राशि (1.5 लाख करोड़ रुपये) और बिक्री से अनुमानित राजस्व (5 लाख करोड़ रुपये) के बीच के बड़े अंतर का जिक्र करते हुए पूछा, पैसा कहां गया. वायर के अनुसार, राजा ने गुरुवार को पूछा, ‘पैसा कहां गया? गलती कहां हुई है? सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए.’ चेन्नई में संवाददाताओं से बात करते हुए राजा ने कहा, ‘सरकार ने खुद अनुमान लगाया था कि 5जी पांच लाख करोड़ का बिकेगा, लेकिन अब इसकी नीलामी डेढ़ लाख करोड़ में हुई है.’
वायर की खबर के अनुसार, वो नीलामी से पहले 22 टेलीकॉम सर्किल के बीच कुल 72 गीगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम के लिए रखे गए 4.3 करोड़ के रिज़र्व मूल्य की बात कर रहे थे. हालांकि, सरकार को इस मूल्य का 35 फीसदी ही मिला है. इससे पहले तीन अगस्त को राजा ने इस मामले में जांच की मांग की थी. उन्होंने कहा, ‘जब मैंने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण को केवल 30 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की सिफारिश की, तो तत्कालीन कैग विनोद राय ने कहा कि सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. लेकिन अब 51 गीगाहर्ट्ज़ 5जी स्पेक्ट्रम कम कीमत में बेचा जा रहा है.’
यह भी पढ़े : भाजपा ‘तिरंगा यात्रा’ के नाम पर करा सकती है दंगे, अखिलेश यादव का हमला
उन्होंने आगे कहा, ‘जब आप इंटरनेट पर कुछ सर्च करते हैं, तो आपको 2जी में 10 सेकेंड लगते हैं, 4जी में पांच और 5जी में आपको एक सेकेंड में रिजल्ट मिलेगा. कितना बढ़िया है 5जी. लेकिन जब आप इस क्षमता से संख्याओं की तुलना करते हैं, तब तो 5जी नीलामी में कम से कम 5 या 6 लाख करोड़ रुपये की बोलियां लगनी चाहिए थीं.’ राजा ने बुधवार को कहा, ‘हमें नहीं पता कि क्या गलत था- प्लानिंग या अनुमान, या क्या उन्हें ये संख्या उन्होंने हवा में ही निकाल ली थी, या फिर केंद्र सरकार ने इस घोटाले को अंजाम देने के लिए कुछ कॉरपोरेट कंपनियों के साथ मिलीभगत की है. अब इस सब की जांच होनी चाहिए.’
हालांकि टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राजा के दावों को ख़ारिज किया है. उन्होंने बुधवार को कहा, कई बैंड्स की बिक्री नहीं हुई है और जो नहीं बिका है वो सरकार के पास ही है. यह घोटाला कैसे हो गया?’ उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि कुल नीलामी में रखे गए स्पेक्ट्रम ने से 1,50,173 करोड़ रुपये की कीमत का स्पेक्ट्रम बिका है और बिना बिके स्पेक्ट्रम की कीमत 2,81,432 करोड़ रुपये है. उन्होंने बताया कि 600 और 2300 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम बैंड ऐसे सेगमेंट की कमजोर इकोसिस्टम के कारण बिल्कुल नहीं बिके.
5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के बाद सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि साल 2022 में 5जी के लिए सरकार को सिर्फ 1 लाख 50 हजार करोड़ का राजस्व मिला है जबकि साल 2008 में 2जी स्पेक्ट्रम के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर 1 लाख 76 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगा था. सोशल मीडिया पर लगातार ये बहस जारी है कि अगर 12 साल पहले 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से सरकार को 1.76 लाख करोड़ की अतिरिक्त आमदनी हो सकती थी तो अब 5जी स्पेक्ट्रम की नालामी से मिलने वाला अनुमानित राजस्व कम से कम 5 लाख करोड़ होना चाहिए था.
PAY BACK TO THE SOCIETY NATIONWIDE AGITATION FUNDDonate Here
आपके पास अगर कोई महत्वपुर्ण जानकारी, लेख, ओडीयो, विडीयो या कोई सुझाव हैै तो हमें नीचे दिये ई-मेल पर मेल करें.:
email : news@mulniwasinayak.comAll content © Mulniwasi, unless otherwise noted or attributed.
It is clear from that the lack of representation given to our collective voices over so many issues and not least the failure to uphold the Constitution - that we're facing a crisis not only of leadership, but within the entire system. We have started our “Mulnivasi Nayak“ on web page to expose the exploitation and injustice wherever occurring by the brahminical forces & awaken the downtrodden voiceless & helpless community.
Media is playing important role in democracy. To form an opinion is the primary work in any democracy. Brahmins and Banias have controlled the fourth pillar of the democracy, by which democracy is in danger. We have the mission to save the democracy & to make it well advanced in common masses.