यूपी के कई जिलों में वायरल बुखार से होने वाली मौतें थमने का नाम नहीं ले रही है. बीते सप्ताह आगरा जिले में 24 घंटों में सात बच्चों की मौत के बाद सितंबर से अक्टूबर के बीच एक महिना में 50 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है.
एटा : यूपी के कई जिलों में वायरल बुखार से होने वाली मौतें थमने का नाम नहीं ले रही है. बीते सप्ताह आगरा जिले में 24 घंटों में सात बच्चों की मौत के बाद सितंबर से अक्टूबर के बीच एक महिना में 50 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है. अब एटा जिले में भी बुखार से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. रविवार को बुखार से बालिका सहित 10 मरीजों की मौत हो गई. जलेसर क्षेत्र के लोहचा नाहरपुर निवासी खुर्शीद अली के 11 वर्षीय पुत्र रसूल खां को शनिवार को बुखार आने के बाद रविवार दोपहर उसने दम तोड़ दिया.
जलेसर के ही गांव गढ़ी सलूकापुर निवासी विपिन पुत्र मुकेश कुमार, नाहरपुर निवासी शकुंतला, जलेसर कस्बा के मोहल्ला शेरगंज निवासी हंसमुख की 14 साल की लडकी आफमीन ने दम तोड़ दिया. ये सभी बुखार से पीड़ित थे. वहीं मारहरा के मोहल्ला कायस्थान निवासी अखिलेश की 15 वर्षीय पुत्री शीतल, मोहल्ले के ही नौबतपुर की 13 वर्षीय पुत्री तारादेवी, जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में रविवार दोपहर के समय आयुष (7) पुत्री शिव शंकर निवासी भोगांव जिला मैनपुरी और राममूर्ति (45) पत्नी बिजेंद्र निवासी गांव करतला ब्लॉक शीतलपुर की बुखार से मौत हो गई.
जलेसर क्षेत्र के गांव गनेशपुर निवासी ओमप्रकाश के पुत्र राजवीर के परिजनों ने बताया कि ओमप्रकाश को डेंगू था. शनिवार शाम को इलाज के लिए आगरा ले जाते समय मौत हो गई. इसी मोहल्ले के सुरेश (40) ने आगरा में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया. शहर से देहात तक बुखार का प्रकोप फैला हुआ है. रविवार को मेडिकल कॉलेज की ओपीडी बंद रहने से निजी चिकित्सकों के यहां और ज्यादा भीड़ नजर आई. स्थिति यह रही कि बेड न होने पर मरीजों को ब्रेंच पर लिटाकर सलाइन चढ़ाई गई.
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गांव-गांव बीमारी फैली हुई है। गांवों में डिग्रीधारी चिकित्सक नहीं हैं. सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाएं किसी से छिपी नहीं हैं. ऐसे में लोग झोलाछापों के पास पहुंच रहे हैं. कहीं खुले आसमान में तो कहीं पेड़ों के नीचे मरीजों को खटिया और बेंचों पर लिटाकर सलाइन चढ़ाई जा रही हैं.
बीते दिनों सीएमओ डॉ उमेश त्रिपाठी ने बिल्सड़ गांव का दौरा किया था. उन्होंने बुखार पीड़ितों के पर्चे देखे तो वहां एक प्रतिबंधित दवा पर्चे पर लिखी मिली. सीएमओ ने ग्रामीणों को बताया यह दवा नहीं खानी चाहिए. इस दौरान झोलाछाप वहां दुकानें बंद कर भाग गए. सीएमओ ने बताया कि जिस गांव से बुखार की सूचना आती है. वहां टीम भेजकर कैंप कराया जा रहा है. मेडिकल कॉलेज सहित सभी सीएचसी पर मरीजों को भर्ती करने की पूरी व्यवस्थाएं है. लोगों से अपील है कि झोलाछाप के यहां उपचार न करें.
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